Everything about Story in hindi
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ऐसे ही सोचते सोचते बहुत दिन बीत गए, लेकिन उसे अभी तक भी ये समझ में नहीं आ रहा था की वो आख़िर में क्या माँगे। एक दिन उसका मित्र उसे उस क्रिस्टल बॉल के साथ देख लेता है। वहीं उसने check here राम से वो क्रिस्टल बॉल चुराया और गाँव के सभी लोगों को दिखाया। उन सभी ने अपने लिए महल और धन और बहुत सारा सोना माँगा, लेकिन वे सभी भी एक से अधिक इच्छा नहीं कर सके। अंत में, हर कोई नाराज था क्योंकि उन्हें वो सब कुछ नहीं मिल पाया जिन्हें की उन्हें चाह थी।
उसके रोने की आवाज सुनकर नदी के भगवान उठे और उस लकड़हारे से पूछा कि क्या हुआ। लकड़हारा ने उन्हें अपनी दुखद कहानी बताई। नदी के भगवान को उस लकड़हारे के ऊपर दया आई और वो उसकी मेहनत और सच्चाई देखकर उसकी मदद करने की पेशकश की।
तेनाली रामा ने प्रत्येक गुड़िया के कान में एक छोटा सा छेद दिखाया और फिर उसने उनके प्रत्येक कान के माध्यम से एक पतली तार डाली। पहली गुड़िया के लिए तार कान से होते हुए मुंह से निकल गया। दूसरी गुड़िया के लिए तार पहले कान में गया और दूसरे कान से निकल गया। तीसरी गुड़िया के लिए तार कान से होते हुए बाहर दिखाई दिया लेकिन वह दिल में जा चुका था। “पहली गुड़िया खराब है क्योंकि यह उन लोगों का प्रतिनिधित्व करती है जो रहस्य नहीं रख सकते। दूसरी गुड़िया औसत दर्जे की है क्योंकि यह उन लोगों का प्रतिनिधित्व करती है जो सरल हैं और समझ नहीं सकते कि उन्हें क्या कहा जाता है। तीसरी गुड़िया अच्छी है और यह उन लोगों का प्रतिनिधित्व करती है जो राज़ रख सकते हैं!
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की कड़ी मेहनत हमेशा रंग लाती है। हमेशा बड़ी तस्वीर के बारे में सोचो और आलसी मत बनो।
अब उस किसान को उसके हक़ का कुआँ प्राप्त हो गया और उसने बीरबल जी का धन्यवाद दिया उसे सही तरीक़े से न्याय प्रदान करने के लिए।
ऐसे में जादुई पेड़, बजाय बड़े भाई को सेब देने के, उसने उसके ऊपर सैकड़ों सुइयों की बौछार कर दी। इससे बड़े भाई दर्द के मारे जमीन पर लेटे रोने लगा।
मैं अमीर नहीं हूँ। बहुत कुछ समझदार भी नहीं हूँ। पर मैं परले दरजे का माँसाहारी हूँ। मैं रोज़ जंगल को जाता हूँ और एक-आध हिरन को मार लाता हूँ। यही मेरा रोज़मर्रा का काम है। मेरे घर में रुपये-पैसे की कमी नहीं। मुझे कोई फ़िकर भी नहीं। इसी सबब से हर रोज़ मैं निज़ाम शाह
कौआ छछूंदर को अपनी चोंच में उठाकर हिरण के पास गया। यह देखकर हिरण बहुत खुश हुआ, वहीं छछूंदर ने भी जल्दी से जाल को काटना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में हिरण आजाद हो गया!
बहुत पहले की बात है। एक बार, एक अमीर व्यापारी बीरबल से मदद मांगने के लिए राजा अकबर के दरबार में आया। उस व्यापारी के कुछ सामान की चोरी हो गयी थी। अब उस व्यापारी को ये शक था कि उसके किसी नौकर ने उसे लूट लिया है। लेकिन चूँकि उसके बहुत से नौकर थे इसलिए वो असली चोर को पकड़ नहीं पा रहा था।
जितना अधिक वह जीवित रहा, उतना ही वो दुखी रहता और उसके शब्द उतने ही जहरीले थे। लोग उससे बचते थे, क्योंकि उसका दुर्भाग्य संक्रामक हो गया था।
मगरमच्छ पहले तो परेशान हुआ लेकिन फिर उसने अपनी पत्नी की इच्छा के आगे झुकने का फैसला किया। अब दोनों पति पत्नी ने उस बंदर को मार कर खाने की योजना बना डाली।
अगले दिन हंस बुढ़िया के पास गया। उसे देखकर बूढ़ी औरत ने कहा, “मेरे पास तुम्हें देने के लिए कुछ नहीं है!
instead of throwing them to the junkyard we must learn how we will deal with, reuse and recycle our things in an effort to reduce …
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की हमें हमेशा कठिनाई का सामना करना चाहिए और आशा नहीं खोना चाहिए। याद रखें की, एकता में ही बल है!
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